Friday 4 January 2013

भूत प्रेत नाशक यंत्र







विधान एवं प्रभाव :- 

इस यंत्र के प्रभाव से भूत प्रेत की छाया का नशा होता हैं । 

इस यंत्र को केसर से भोजपत्र पर लिखकर लौंग और कपूर के साथ रोगी के सामने धूनी दें , तो भूत प्रेत जो भी होता हैं भाग जाता हैं और पीड़ित ठीक हो जाता हैं । 

शनिवार के दिन सफ़ेद कागज पर काली स्याही से यह यंत्र लिखें और रोगी के उपर से सात बार उतार कर उसमें आग लगा दें । इस प्रयोग से उपर समस्याओं का अन्त हो जाता हैं । 

3 comments:

  1. गुरु जी प्रणाम , गुरु जी मै भैरव उपासना के बारे में आप से मार्गदर्शन चाहता हूँ . कृपया बताने का कष्ट करें की भैरव देव जी देवताओं की किस श्रेणी में आते हैं एवं इनकी उपासना से लाभ एवं हानि क्या हो सकती है ?
    आपका अति आभार होगा ........

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  2. भैरव जी रक्षक देवतों की श्रेणी में आते है इनकी उपासना से भुत ,प्रेत, शत्रु आदि का भय नहीं रहता साधक निर्भय बनता है . भैरव साधना करने के लिए गुरु बनाकर उनसे साधना ले सकते है .

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  3. गुरुजी मां Kali ke Upasna karte hue भूत प्रेत उपासना पूरी नहीं होने देते कृपया मार्गदर्शन करें जय माता दी

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