विधान एवं प्रभाव :-
इस यंत्र के प्रभाव से भूत प्रेत की छाया का नशा होता हैं ।
इस यंत्र को केसर से भोजपत्र पर लिखकर लौंग और कपूर के साथ रोगी के सामने धूनी दें , तो भूत प्रेत जो भी होता हैं भाग जाता हैं और पीड़ित ठीक हो जाता हैं ।
शनिवार के दिन सफ़ेद कागज पर काली स्याही से यह यंत्र लिखें और रोगी के उपर से सात बार उतार कर उसमें आग लगा दें । इस प्रयोग से उपर समस्याओं का अन्त हो जाता हैं ।
भैरव जी रक्षक देवतों की श्रेणी में आते है इनकी उपासना से भुत ,प्रेत, शत्रु आदि का भय नहीं रहता साधक निर्भय बनता है . भैरव साधना करने के लिए गुरु बनाकर उनसे साधना ले सकते है .
ReplyDeleteगुरुजी मां Kali ke Upasna karte hue भूत प्रेत उपासना पूरी नहीं होने देते कृपया मार्गदर्शन करें जय माता दी
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